Love Poetry of Agha Shayar Qazalbash
नाम | आग़ा शाएर क़ज़लबाश |
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अंग्रेज़ी नाम | Agha Shayar Qazalbash |
जन्म की तारीख | 1871 |
मौत की तिथि | 1940 |
कविताएं
Ghazal 21
Couplets 12
Love 17
Sad 14
Heart Broken 15
Bewafa 3
Hope 7
Friendship 5
Islamic 8
Sufi 2
ख्वाब 3
Sharab 4
पामाल कर के पूछते हैं किस अदा से वो
पहले इस में इक अदा थी नाज़ था अंदाज़ था
मिलना न मिलना ये तो मुक़द्दर की बात है
किस तरह जवानी में चलूँ राह पे नासेह
कलेजे में हज़ारों दाग़ दिल में हसरतें लाखों
ज़र्रा भी अगर रंग-ए-ख़ुदाई नहीं देता
उर्यां ही रहे लाश ग़रीब-उल-वतनी में
शाइर-ए-रंगीं फ़साना हो गया
रोने से जो भड़ास थी दिल की निकल गई
न निकला मुँह से कुछ निकली न कुछ भी क़ल्ब-ए-मुज़्तर की
लाख लाख एहसान जिस ने दर्द पैदा कर दिया
क्या ख़बर थी राज़-ए-दिल अपना अयाँ हो जाएगा
जब्र को इख़्तियार कौन करे
जान देते ही बनी इश्क़ के दीवाने से
गिरी गिर कर उठी पलटी तो जो कुछ था उठा लाई
बुतों के वास्ते तो दीन-ओ-ईमाँ बेच डाले हैं
बहार आई है फिर चमन में नसीम इठला के चल रही है