Sad Poetry of Ahmad Kamal Parwazi

Sad Poetry of Ahmad Kamal Parwazi
नामअहमद कमाल परवाज़ी
अंग्रेज़ी नामAhmad Kamal Parwazi

तुम मेरे साथ हो ये सच तो नहीं है लेकिन

तन्हाई से बचाव की सूरत नहीं करूँ

मुझ को मालूम है महबूब-परस्ती का अज़ाब

ज़रा ज़रा सी कई कश्तियाँ बना लेना

ये गर्म रेत ये सहरा निभा के चलना है

तुझ से बिछड़ूँ तो तिरी ज़ात का हिस्सा हो जाऊँ

तन्हाई से बचाव की सूरत नहीं करूँ

फूल पर ओस का क़तरा भी ग़लत लगता है

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