Coupletss of Ahmad Kamal Parwazi

Coupletss of Ahmad Kamal Parwazi
नामअहमद कमाल परवाज़ी
अंग्रेज़ी नामAhmad Kamal Parwazi

वो अपने हुस्न की ख़ैरात देने वाले हैं

तुम्हारे वस्ल का जिस दिन कोई इम्कान होता है

तुम मेरे साथ हो ये सच तो नहीं है लेकिन

तुझ से बिछड़ूँ तो तिरी ज़ात का हिस्सा हो जाऊँ

तुझ से बिछड़ूँ तो तिरी ज़ात का हिस्सा हो जाऊँ

तन्हाई से बचाव की सूरत नहीं करूँ

रफ़ाक़तों का तवाज़ुन अगर बिगड़ जाए

न जाने क्या ख़राबी आ गई है मेरे लहजे में

मुझ को मालूम है महबूब-परस्ती का अज़ाब

मिरी आदत मुझे पागल नहीं होने देती

मैं ने इस शहर में वो ठोकरें खाई हैं कि अब

मैं क़सीदा तिरा लिक्खूँ तो कोई बात नहीं

मैं इस लिए भी तिरे फ़न की क़द्र करता हूँ

ख़ुदाया यूँ भी हो कि उस के हाथों क़त्ल हो जाऊँ

जो खो गया है कहीं ज़िंदगी के मेले में

इस क़दर आप के बदले हुए तेवर हैं कि मैं

एक ही तीर है तरकश में तो उजलत न करो

अगर कट-फट गया था मेरा दामन

आग तो चारों ही जानिब थी पर अच्छा ये है

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