Heart Broken Poetry of Ahmad Mushtaq (page 3)

Heart Broken Poetry of Ahmad Mushtaq (page 3)
नामअहमद मुश्ताक़
अंग्रेज़ी नामAhmad Mushtaq
जन्म की तारीख1933
जन्म स्थानLahore

इक उम्र की और ज़रूरत है वही शाम-ओ-सहर करने के लिए

इक फूल मेरे पास था इक शम्अ' मेरे साथ थी

दुनिया में सुराग़-ए-रह-ए-दुनिया नहीं मिलता

दुख की चीख़ें प्यार की सरगोशियाँ रह जाएँगी

दिलों की ओर धुआँ सा दिखाई देता है

दिल में वो शोर न आँखों में वो नम रहता है

दस्त-ए-सुमूम दस्त-ए-सबा क्यूँ नहीं हुआ

छिन गई तेरी तमन्ना भी तमन्नाई से

छट गया अब्र शफ़क़ खुल गई तारे निकले

चाँद इस घर के दरीचों के बराबर आया

चाँद भी निकला सितारे भी बराबर निकले

चमक-दमक पे न जाओ खरी नहीं कोई शय

भागने का कोई रस्ता नहीं रहने देते

बरस कर खुल गया अब्र-ए-ख़िज़ाँ आहिस्ता आहिस्ता

बहुत रुक रुक के चलती है हवा ख़ाली मकानों में

बहता आँसू एक झलक में कितने रूप दिखाएगा

अश्क दामन में भरे ख़्वाब कमर पर रक्खा

अजब नहीं कभी नग़्मा बने फ़ुग़ाँ मेरी

अब वो गलियाँ वो मकाँ याद नहीं

अब न बहल सकेगा दिल अब न दिए जलाइए

अब न बहल सकेगा दिल अब न दिए जलाइए

अब मंज़िल-ए-सदा से सफ़र कर रहे हैं हम

आज रो कर तो दिखाए कोई ऐसा रोना

अहमद मुश्ताक़ Heart Broken Poetry in Hindi - Read famous Heart Broken Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by अहमद मुश्ताक़. Largest collection of Heart Broken Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by अहमद मुश्ताक़. Share the अहमद मुश्ताक़ Heart Broken Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.