Heart Broken Poetry of Ahmad Zafar

Heart Broken Poetry of Ahmad Zafar
नामअहमद ज़फ़र
अंग्रेज़ी नामAhmad Zafar
जन्म की तारीख1926
मौत की तिथि2001
जन्म स्थानGujranwala

उम्र का आख़िरी दिन

पाताल ज़मीन आसमान

म्यूजियम

काएनात-ए-ज़ात का मुसाफ़िर

हैरत-ख़ाना-ए-इमरोज़

ड्राइंग-रूम

डेड-हाऊस

ज़हर को मय न कहूँ मय को गवारा न कहूँ

यूँ ज़माने में मिरा जिस्म बिखर जाएगा

ये तेरा ख़याल है कि तू है

वो फूल जो मुस्कुरा रहा है

उस ने तोड़ा जहाँ कोई पैमाँ

तरस रहा हूँ क़रार-ए-दिल-ओ-नज़र के लिए

तन्हाई ने पर फैलाए रात ने अपनी ज़ुल्फ़ें

फूल की रंगत मैं ने देखी दर्द की रंगत देखे कौन

मैं यूँ तो नहीं है कि मोहब्बत में नहीं था

किसी परिंदे की वापसी का सफ़र मिरी ख़ाक में मिलेगा

जंगल का सन्नाटा मेरा दुश्मन है

जब तक जुनूँ जुनूँ है ग़म-ए-आगही भी है

फ़लक पे चाँद नहीं कोई अब्र-पारा नहीं

इक तसव्वुर तो है तस्वीर नहीं

दिन हुआ कट कर गिरा मैं रौशनी की धार से

और क्या मेरे लिए अरसा-ए-महशर होगा

अहमद ज़फ़र Heart Broken Poetry in Hindi - Read famous Heart Broken Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by अहमद ज़फ़र. Largest collection of Heart Broken Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by अहमद ज़फ़र. Share the अहमद ज़फ़र Heart Broken Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.