Heart Broken Poetry of Aitbar Sajid (page 2)

Heart Broken Poetry of Aitbar Sajid (page 2)
नामऐतबार साजिद
अंग्रेज़ी नामAitbar Sajid
जन्म की तारीख1948
जन्म स्थानIslamabad

किसी ने दिल के ताक़ पर जला के रख दिया हमें

किसी को हम से हैं चंद शिकवे किसी को बेहद शिकायतें हैं

कैसे कहीं कि जान से प्यारा नहीं रहा

कहा तख़्लीक़-ए-फ़न बोले बहुत दुश्वार तो होगी

कहा दिन को भी ये घर किस लिए वीरान रहता है

कभी तू ने ख़ुद भी सोचा कि ये प्यास है तो क्यूँ है

जो ख़याल थे न क़यास थे वही लोग मुझ से बिछड़ गए

घर की दहलीज़ से बाज़ार में मत आ जाना

दिल हैं यूँ मुज़्तरिब मकानों में

ढूँडते क्या हो इन आँखों में कहानी मेरी

धड़कन धड़कन यादों की बारात अकेला कमरा

छोटे छोटे कई बे-फ़ैज़ मफ़ादात के साथ

भीड़ है बर-सर-ए-बाज़ार कहीं और चलें

बंदे ज़मीन और आसमाँ सरमा की शब कहानियाँ

बंद दरीचे सूनी गलियाँ अन-देखे अनजाने लोग

बहुत सजाए थे आँखों में ख़्वाब मैं ने भी

आँखों से अयाँ ज़ख़्म की गहराई तो अब है

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