Hope Poetry of Akhtar Ansari Akbarabadi

Hope Poetry of Akhtar Ansari Akbarabadi
नामअख़्तर अंसारी अकबराबादी
अंग्रेज़ी नामAkhtar Ansari Akbarabadi
जन्म की तारीख1920
मौत की तिथि1958

ज़ुल्म सहते रहे शुक्र करते रहे आई लब तक न ये दास्ताँ आज तक

ज़िंदगी होगी मिरी ऐ ग़म-ए-दौराँ इक रोज़

यूँ बदलती है कहीं बर्क़-ओ-शरर की सूरत

ये रंग-ओ-कैफ़ कहाँ था शबाब से पहले

सहारा दे नहीं सकते शिकस्ता पाँव को

रहबर-ए-तब्ल-ओ-निशाँ और ज़रा तेज़ क़दम

नहीं आसान तर्क-ए-इश्क़ करना दिल से ग़म जाना

नदीम बाग़ में जोश-ए-नुमू की बात न कर

न राज़-ए-इब्तिदा समझो न राज़-ए-इंतिहा समझो

ना जाने क़ाफ़िले पोशीदा किस ग़ुबार में हैं

जाम ला जाम कि आलाम से जी डरता है

दूर तक रौशनी है ग़ौर से देख

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