दाओ

फिर घुमाओ

आख़िरी दाओ लगाओ

क्या ख़बर इस बार आख़िर मिल ही जाए

बीस बिलियन साल की वो गुम-शुदा पूँजी मुझे

मैं

मैं किसी ऐसे ही लम्हे के किनारे

तुझ से बिछड़ा

वक़्त का चक्कर घुमा कर

तू ने जब तक़दीर से मिट्टी जुदा की

और मैं ने

अपनी मिट्टी से जुदाई

ये जुदाई

आँसुओं में गूँध कर

रक्खी हुई है चाक पर

इन बीस बिलियन साल में

इस चाक पर

मैं ने बनाई एक जन्नत

और इस जन्नत की रौनक़ एक औरत

घर में अब तक मुंतज़िर है

रात का पिछ्ला पहर है

मैं जुआ-ख़ाने में तन्हा

ज़िंदगी का आख़िरी दाओ लगाने जा रहा हूँ

रोकना मत

तेरी जानिब आ रहा हूँ

(818) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Dao In Hindi By Famous Poet Ali Mohammad Farshi. Dao is written by Ali Mohammad Farshi. Complete Poem Dao in Hindi by Ali Mohammad Farshi. Download free Dao Poem for Youth in PDF. Dao is a Poem on Inspiration for young students. Share Dao with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.