बदल के भेस फिर आते हैं हर ज़माने में
अगरचे पीर है आदम जवाँ हैं लात-ओ-मनात
ये एक सज्दा जिसे तू गिराँ समझता है
हज़ार सज्दे से देता है आदमी को नजात
Javed Akhtar
Anwar Masood
Jaun Eliya
Allama Iqbal
Parveen Shakir
Mohsin Naqvi
Mir Taqi Mir
Wasi Shah
Rahat Indori
Habib Jalib
Ahmad Faraz
Faiz Ahmad Faiz
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ने मोहरा बाक़ी ने मोहरा-बाज़ी
सितारों से आगे जहाँ और भी हैं
नहीं है ना-उमीद 'इक़बाल' अपनी किश्त-ए-वीराँ से
बुतों से तुझ को उमीदें ख़ुदा से नौमीदी
लेनिन
मिटा दिया मिरे साक़ी ने आलम-ए-मन-ओ-तू
तेरा इमाम बे-हुज़ूर तेरी नमाज़ बे-सुरूर
वालिदा मरहूमा की याद में
हज़ार ख़ौफ़ हो लेकिन ज़बाँ हो दिल की रफ़ीक़
अगर कज-रौ हैं अंजुम आसमाँ तेरा है या मेरा
दिल-ए-बेदार फ़ारूक़ी दिल-ए-बेदार कर्रारी