दिल में दुख आँखों में नमी आसमाँ पर घटाएँ
अंदर बाहर इस ओर उस ओर हर ओर बादल
Jaun Eliya
Gulzar
Mir Taqi Mir
Allama Iqbal
Anwar Masood
Habib Jalib
Wasi Shah
Mohsin Naqvi
Javed Akhtar
Parveen Shakir
Rahat Indori
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ऐनक के दोनों शीशे ही अटे हुए थे धूल में
ला-परवाही
कौन है ये मतला-ए-तख़ईल पर महताब सा
मैं हवा हूँ कहाँ वतन मेरा
तशन्नुज
दिल है वीरान बयाबाँ की तरह
जंगल
जंगल: एक हश्त पहलू तस्वीर
'अमीक़' छेड़ ग़ज़ल ग़म की इंतिहा कब है
खेती
है नूर-ए-ख़ुदा भी यहाँ इरफ़ान-ए-ख़ुदा भी
छूते ही आशाएँ बिखरीं जैसे सपने टूट गए