पेच-ओ-ताब

फिर तसव्वुर खा रहा है पेच-ओ-ताब

फिर वही हैजान-ओ-हरकत कर्ब-ओ-दर्द-ओ-इज़तिराब

फिर वही धुँदले नुक़ूश-ए-माह-ओ-साल

फिर वही सुब्ह-ए-बहाराँ फिर वही शाम-ए-विसाल

फिर वही बीते हुए लम्हों की याद

फिर वही मौजें वही कश्ती वही बाद-ए-मुराद

फिर वही रक़्स-ए-शरार-ए-ज़िंदगी

फिर वही हुस्न-ए-लताफ़त-रेज़ की ताबिंदगी

फिर वही वा'दों पे लुत्फ़-ए-इंतिज़ार

फिर वही चश्म-ए-सुख़न-गो के इशारे बार बार

फिर वही दर्द-ए-मुसलसल की कसक

फिर वही मौज-ए-तबस्सुम-हा-ए-पिन्हाँ की झनक

फिर वही ऐश-ओ-तरब का एहतिमाम

फिर वही बज़्म-ए-तमन्ना फिर वही साक़ी-ओ-जाम

फिर वही आग़ाज़-ए-उल्फ़त का सुरूर

फिर वही यादों के साए ज़ेहन में नज़दीक-ओ-दूर

फिर वही शोरिश वही जोश-ओ-ख़रोश

फिर कहीं दीवानगी तारी न हो ऐ दिल ख़मोश

(724) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Pech-o-tab In Hindi By Famous Poet Amjad Najmi. Pech-o-tab is written by Amjad Najmi. Complete Poem Pech-o-tab in Hindi by Amjad Najmi. Download free Pech-o-tab Poem for Youth in PDF. Pech-o-tab is a Poem on Inspiration for young students. Share Pech-o-tab with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.