Hope Poetry of Arshad Abdul Hamid

Hope Poetry of Arshad Abdul Hamid
नामअरशद अब्दुल हमीद
अंग्रेज़ी नामArshad Abdul Hamid
जन्म स्थानTonk

मिट्टी को चूम लेने की हसरत ही रह गई

मुझ को तक़दीर ने यूँ बे-सर-ओ-आसार किया

मिले जो उस से तो यादों के पर निकल आए

मेहर ओ महताब को मेरे ही निशाँ जानती है

कोई भी शय हो मियाँ जान से प्यारी किसे है

ख़ामोशी तक तो एक सदा ले गई मुझे

जुनूँ के तौर हम इदराक ही से बाँधते हैं

है टोंक अर्ज़-ए-पाक वहीं से उठेंगे हम

ग़ज़ल में जान पड़ी गुफ़्तुगू में फूल खिले

घटाएँ घिरती हैं बिजली कड़क के गिरती है

फ़सील-ए-सब्र में रौज़न बनाना चाहती है

चिराग़-ए-दर्द कि शम-ए-तरब पुकारती है

अरशद अब्दुल हमीद Hope Poetry in Hindi - Read famous Hope Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by अरशद अब्दुल हमीद. Largest collection of Hope Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by अरशद अब्दुल हमीद. Share the अरशद अब्दुल हमीद Hope Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.