Hope Poetry of Arshad Abdul Hamid
नाम | अरशद अब्दुल हमीद |
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अंग्रेज़ी नाम | Arshad Abdul Hamid |
जन्म स्थान | Tonk |
कविताएं
Ghazal 22
Couplets 19
Love 17
Sad 23
Heart Broken 24
Bewafa 1
Hope 12
Friendship 4
बारिश 1
ख्वाब 7
Sharab 2
मिट्टी को चूम लेने की हसरत ही रह गई
मुझ को तक़दीर ने यूँ बे-सर-ओ-आसार किया
मिले जो उस से तो यादों के पर निकल आए
मेहर ओ महताब को मेरे ही निशाँ जानती है
कोई भी शय हो मियाँ जान से प्यारी किसे है
ख़ामोशी तक तो एक सदा ले गई मुझे
जुनूँ के तौर हम इदराक ही से बाँधते हैं
है टोंक अर्ज़-ए-पाक वहीं से उठेंगे हम
ग़ज़ल में जान पड़ी गुफ़्तुगू में फूल खिले
घटाएँ घिरती हैं बिजली कड़क के गिरती है
फ़सील-ए-सब्र में रौज़न बनाना चाहती है
चिराग़-ए-दर्द कि शम-ए-तरब पुकारती है