Sad Poetry of Arshad Ali Khan Qalaq (page 2)

Sad Poetry of Arshad Ali Khan Qalaq (page 2)
नामअरशद अली ख़ान क़लक़
अंग्रेज़ी नामArshad Ali Khan Qalaq

जुनूँ बरसाए पत्थर आसमाँ ने मज़रा-ए-जाँ पर

इश्क़ में तेरे जान-ए-ज़ार हैफ़ है मुफ़्त में चली

हुज़ूर-ए-ग़ैर तुम उश्शाक़ की तहक़ीर करते हो

हम ने एहसान असीरी का न बर्बाद किया

हम तो हों दिल से दूर रहें पास और लोग

हैं तेग़-ए-नाज़-ए-यार के बिस्मिल अलग अलग

गुलों पर साफ़ धोका हो गया रंगीं कटोरी का

गर दिल में कर के सैर-ए-दिल-ए-दाग़-दार देख

डोरा नहीं है सुरमे का चश्म-ए-सियाह में

दिल में आते ही ख़ुशी साथ ही इक ग़म आया

दफ़्तर जो गुलों के वो सनम खोल रहा है

चश्मक-ज़नी में करती नहीं यार का लिहाज़

बुत-परस्ती ने किया आशिक़-ए-यज़्दाँ मुझ को

बुत-परस्ती ने किया आशिक़-ए-यज़्दाँ मुझ को

बोलेगा कौन आशिक़-ए-नादार की तरफ़

बे-ज़बानों को भी गोयाई सिखाना चाहिए

बशर के फ़ैज़-ए-सोहबत से लियाक़त आ ही जाती है

अदा से देख लो जाता रहे गिला दिल का

आश्ना होते ही उस इश्क़ ने मारा मुझ को

आशिक़-ए-गेसू-ओ-क़द तेरे गुनहगार हैं सब

आरिज़ में तुम्हारे क्या सफ़ा है

आएँगे वो तो आप में हरगिज़ न आएँगे

अरशद अली ख़ान क़लक़ Sad Poetry in Hindi - Read famous Sad Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by अरशद अली ख़ान क़लक़. Largest collection of Sad Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by अरशद अली ख़ान क़लक़. Share the अरशद अली ख़ान क़लक़ Sad Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.