Heart Broken Poetry of Arshad Ali Khan Qalaq

Heart Broken Poetry of Arshad Ali Khan Qalaq
नामअरशद अली ख़ान क़लक़
अंग्रेज़ी नामArshad Ali Khan Qalaq

याद दिलवाइए उन को जो कभी वादा-ए-वस्ल

सितम वो तुम ने किए भूले हम गिला दिल का

राह-ए-हक़ में खेल जाँ-बाज़ी है ओ ज़ाहिर-परस्त

'क़लक़' ग़ज़लें पढ़ेंगे जा-ए-कुरआँ सब पस-ए-मुर्दन

मुझ से उन आँखों को वहशत है मगर मुझ को है इश्क़

लाग़र ऐसा वहशत-ए-इश्क़-ए-लब-ए-शीरीं में हूँ

कुफ्र-ओ-इस्लाम के झगड़ों से छुड़ाया सद-शुक्र

ख़त में लिक्खी है हक़ीक़त दश्त-गर्दी की अगर

बुत-परस्ती में भी भूली न मुझे याद-ए-ख़ुदा

बहार आते ही ज़ख़्म-ए-दिल हरे सब हो गए मेरे

बा'द मेरे जो किया शाद किसी को तो कहा

अपने बेगाने से अब मुझ को शिकायत न रही

अदा से देख लो जाता रहे गिला दिल का

आख़िर इंसान हूँ पत्थर का तो रखता नहीं दिल

ये बोले जो उन को कहा बे-मुरव्वत

यार के नर्गिस-ए-बीमार का बीमार रहा

यगाना उन का बेगाना है बेगाना यगाना है

वाइज़ की ज़िद से रिंदों ने रस्म-ए-जदीद की

वा'दा-ख़िलाफ़ कितने हैं ऐ रश्क-ए-माह आप

था क़स्द-ए-क़त्ल-ए-ग़ैर मगर मैं तलब हुआ

तासीर जज़्ब मस्तों की हर हर ग़ज़ल में है

सोते हैं फैल फैल के सारे पलंग पर

सितम वो तुम ने किए भूले हम गिला दिल का

शरफ़ इंसान को कब ज़िल्ल-ए-हुमा देता है

रोज़-ए-अव्वल से असीर ऐ दिल-ए-नाशाद हैं हम

रग-ओ-पै में भरा है मेरे शोर उस की मोहब्बत का

परतव-ए-रुख़ का तिरे दिल में गुज़र रहता है

परतव पड़ा जो आरिज़-ए-गुलगून-ए-यार का

नहीं चमके ये हँसने में तुम्हारे दाँत अंजुम से

न वो ख़ुशबू है गुलों में न ख़लिश ख़ारों में

अरशद अली ख़ान क़लक़ Heart Broken Poetry in Hindi - Read famous Heart Broken Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by अरशद अली ख़ान क़लक़. Largest collection of Heart Broken Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by अरशद अली ख़ान क़लक़. Share the अरशद अली ख़ान क़लक़ Heart Broken Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.