Sad Poetry of Arshad Ali Khan Qalaq

Sad Poetry of Arshad Ali Khan Qalaq
नामअरशद अली ख़ान क़लक़
अंग्रेज़ी नामArshad Ali Khan Qalaq

याद दिलवाइए उन को जो कभी वादा-ए-वस्ल

रुख़ तह-ए-ज़ुल्फ़ है और ज़ुल्फ़ परेशाँ सर पर

कुफ्र-ओ-इस्लाम के झगड़ों से छुड़ाया सद-शुक्र

कोताह उम्र हो गई और ये न कम हुई

ख़त में लिक्खी है हक़ीक़त दश्त-गर्दी की अगर

ख़फ़ा हो गालियाँ दो चाहे आने दो न आने दो

गुल-गूँ तिरी गली रहे आशिक़ के ख़ून से

घाट पर तलवार के नहलाईयो मय्यत मिरी

चला है छोड़ के तन्हा किधर तसव्वुर-ए-यार

बुत-परस्ती में भी भूली न मुझे याद-ए-ख़ुदा

बा'द मेरे जो किया शाद किसी को तो कहा

ये जी में आता है जल जल के हर ज़माँ नासेह

ये बारीक उन की कमर हो गई

यार के नर्गिस-ए-बीमार का बीमार रहा

यगाना उन का बेगाना है बेगाना यगाना है

वा'दा-ख़िलाफ़ कितने हैं ऐ रश्क-ए-माह आप

था क़स्द-ए-क़त्ल-ए-ग़ैर मगर मैं तलब हुआ

तासीर जज़्ब मस्तों की हर हर ग़ज़ल में है

सोते हैं फैल फैल के सारे पलंग पर

सितम वो तुम ने किए भूले हम गिला दिल का

शरफ़ इंसान को कब ज़िल्ल-ए-हुमा देता है

रोज़-ए-अव्वल से असीर ऐ दिल-ए-नाशाद हैं हम

रग-ओ-पै में भरा है मेरे शोर उस की मोहब्बत का

पिन्हाँ था ख़ुश-निगाहों की दीदार का मरज़

परतव-ए-रुख़ का तिरे दिल में गुज़र रहता है

परतव पड़ा जो आरिज़-ए-गुलगून-ए-यार का

नहीं चमके ये हँसने में तुम्हारे दाँत अंजुम से

न वो ख़ुशबू है गुलों में न ख़लिश ख़ारों में

मिलता है क़ैद-ए-ग़म में भी लुत्फ़-ए-फ़ज़ा-ए-बाग़

लूटे मज़े जो हम ने तुम्हारे उगाल के

अरशद अली ख़ान क़लक़ Sad Poetry in Hindi - Read famous Sad Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by अरशद अली ख़ान क़लक़. Largest collection of Sad Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by अरशद अली ख़ान क़लक़. Share the अरशद अली ख़ान क़लक़ Sad Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.