दिल की जागीर में मेरा भी कोई हिस्सा रख
मैं भी तेरा हूँ मुझे भी तो कहीं रहना है
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जो ख़्वाब की दहलीज़ तलक भी नहीं आया
ज़ूमिंग
दिल अजनबी देस में लगा है
गिरती है तो गिर जाए ये दीवार-ए-सुकूँ भी
वो हो न सका अपना तो हम हो गए उस के
दिल इक नई दुनिया-ए-मआनी से मिला है
तिरे पहलू में तिरे दिल के क़रीं रहना है
कौन हैं वो जिन्हें आफ़ाक़ की वुसअत कम है
लफ़्ज़ों में हर इक रंज समोने का क़रीना
यहीं कहीं कोई आवाज़ दे रहा था मुझे
मैं अपनी प्यास में खोया रहा ख़बर न हुई