ये दिया मैसेज ट्वीटर पर फ़सादी शख़्स ने
उस को जलती के लिए फ़िल-फ़ौर ऑइल चाहिए
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वो अफ़तारी से पहले चखते चखते
वो हसब-ए-शहर कर लेता है मस्लक में भी तब्दीली
दे रहे हैं इस लिए जंगल में धरना जानवर
मैं एक बोरी में लाया हूँ भर के मूँग-फली
वो तीस साल से है फ़क़त बीस साल की
ऐसे बंदों को जानता हूँ मैं
मोअर्रिख़ लिख न दें सुक़रात मुझ को
ऐसी ख़्वाहिश को समझता हूँ मैं बिल्कुल नेचुरल
वे बालों में कलर लगवा चुका है
कुछ इस लिए भी उसे टूट कर नहीं चाहा
बेगम से कह रहा था ये कोई ख़ला-नवर्द
न ये क़ानून काम आया था राँझे के ज़रा सा भी