Ghazals of Aziz Hamid Madni (page 2)

Ghazals of Aziz Hamid Madni (page 2)
नामअज़ीज़ हामिद मदनी
अंग्रेज़ी नामAziz Hamid Madni
जन्म की तारीख1922
मौत की तिथि1991

फ़िराक़ से भी गए हम विसाल से भी गए

एक-आध हरीफ़-ए-ग़म-ए-दुनिया भी नहीं था

इक ख़्वाब-ए-आतिशीं का वो महरम सा रह गया

एक ही शहर में रहते बस्ते काले कोसों दूर रहा

दिलों की उक़्दा-कुशाई का वक़्त है कि नहीं

बैठो जी का बोझ उतारें दोनों वक़्त यहीं मिलते हैं

ऐ शहर-ए-ख़िरद की ताज़ा हवा वहशत का कोई इनआम चले

आतिश-ए-मीना नज़र आई हरीफ़ाना मुझे

आज मुक़ाबला है सख़्त मीर-ए-सिपाह के लिए

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