Khawab Poetry of Bedam Shah Warsi
नाम | बेदम शाह वारसी |
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अंग्रेज़ी नाम | Bedam Shah Warsi |
जन्म की तारीख | 1876 |
मौत की तिथि | 1936 |
जन्म स्थान | Barabanki |
कविताएं
Ghazal 48
Couplets 17
Love 38
Sad 39
Heart Broken 38
Bewafa 8
Hope 27
Friendship 16
Islamic 23
Sufi 7
Social 1
बारिश 1
ख्वाब 15
Sharab 22
कहाँ ईमान किस का कुफ़्र और दैर-ओ-हरम कैसे
यूँ गुलशन-ए-हस्ती की माली ने बिना डाली
ये साक़ी की करामत है कि फ़ैज़-ए-मय-परस्ती है
क़फ़स की तीलियों से ले के शाख़-ए-आशियाँ तक है
न कुनिश्त ओ कलीसा से काम हमें दर-ए-दैर न बैत-ए-हरम से ग़रज़
में ग़श में हूँ मुझे इतना नहीं होश
खींची है तसव्वुर में तस्वीर-ए-हम-आग़ोशी
काबे का शौक़ है न सनम-ख़ाना चाहिए
हलाक-ए-तेग़-ए-जफ़ा या शहीद-ए-नाज़ करे
गुल का किया जो चाक गरेबाँ बहार ने
छिड़ा पहले-पहल जब साज़-ए-हस्ती
बुत भी इस में रहते थे दिल यार का भी काशाना था
बरहमन मुझ को बनाना न मुसलमाँ करना
अपनी हस्ती का अगर हुस्न नुमायाँ हो जाए
अल्लाह-रे फ़ैज़ एक जहाँ मुस्तफ़ीद है