Friendship Poetry of Bedam Shah Warsi

Friendship Poetry of Bedam Shah Warsi
नामबेदम शाह वारसी
अंग्रेज़ी नामBedam Shah Warsi
जन्म की तारीख1876
मौत की तिथि1936
जन्म स्थानBarabanki

अब आदमी कुछ और हमारी नज़र में है

तेरी उल्फ़त शोबदा-पर्वाज़ है

सहारा मौजों का ले ले के बढ़ रहा हूँ मैं

क़फ़स की तीलियों से ले के शाख़-ए-आशियाँ तक है

पर्दे उठे हुए भी हैं उन की इधर नज़र भी है

मुझे शिकवा नहीं बर्बाद रख बर्बाद रहने दे

में ग़श में हूँ मुझे इतना नहीं होश

मैं यार का जल्वा हूँ

खींची है तसव्वुर में तस्वीर-ए-हम-आग़ोशी

कौन सा घर है कि ऐ जाँ नहीं काशाना तिरा और जल्वा-ख़ाना तिरा

काश मिरी जबीन-ए-शौक़ सज्दों से सरफ़राज़ हो

कभी यहाँ लिए हुए कभी वहाँ लिए हुए

काबे का शौक़ है न सनम-ख़ाना चाहिए

गुल का किया जो चाक गरेबाँ बहार ने

छिड़ा पहले-पहल जब साज़-ए-हस्ती

बुत भी इस में रहते थे दिल यार का भी काशाना था

बेदम शाह वारसी Friendship Poetry in Hindi - Read famous Friendship Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by बेदम शाह वारसी. Largest collection of Friendship Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by बेदम शाह वारसी. Share the बेदम शाह वारसी Friendship Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.