Ghazals of Bedam Shah Warsi (page 2)

Ghazals of Bedam Shah Warsi (page 2)
नामबेदम शाह वारसी
अंग्रेज़ी नामBedam Shah Warsi
जन्म की तारीख1876
मौत की तिथि1936
जन्म स्थानBarabanki

कभी यहाँ लिए हुए कभी वहाँ लिए हुए

काबे का शौक़ है न सनम-ख़ाना चाहिए

जुस्तुजू करते ही करते खो गया

इश्क़ के आसार हैं फिर ग़श मुझे आया देखो

हम मय-कदे से मर के भी बाहर न जाएँगे

हलाक-ए-तेग़-ए-जफ़ा या शहीद-ए-नाज़ करे

गुल का किया जो चाक गरेबाँ बहार ने

ग़म्ज़ा पैकान हुआ जाता है

दिल लिया जान ली नहीं जाती

दारू-ए-दर्द-ए-निहाँ राहत-ए-जानी सनमा

छिड़ा पहले-पहल जब साज़-ए-हस्ती

बुत भी इस में रहते थे दिल यार का भी काशाना था

बताए देती है बे-पूछे राज़ सब दिल के

बरहमन मुझ को बनाना न मुसलमाँ करना

अपनी हस्ती का अगर हुस्न नुमायाँ हो जाए

अपने दीदार की हसरत में तू मुझ को सरापा दिल कर दे

अल्लाह-रे फ़ैज़ एक जहाँ मुस्तफ़ीद है

अगर काबा का रुख़ भी जानिब-ए-मय-ख़ाना हो जाए

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