Love Poetry of Bimal Krishn Ashk

Love Poetry of Bimal Krishn Ashk
नामबिमल कृष्ण अश्क
अंग्रेज़ी नामBimal Krishn Ashk
जन्म की तारीख1924
मौत की तिथि1982

पतझड़ का मौसम था लेकिन शाख़ पे तन्हा फूल खिला था

अब तक तो यही पता नहीं है

रोने वालों ने तिरे ग़म को सराहा ही नहीं

तुम तो कुछ ऐसे भूल गए हो जैसे कभी वाक़िफ़ ही नहीं थे

प्यार है वो

यूँ न जान अश्क हमें जो गया बाना न मिला

उन की गोद में सर रख कर जब आँसू आँसू रोया था

तुझ जैसा इक आँचल चाहूँ अपने जैसा दामन ढूँडूँ

मिरी भी मान मिरा अक्स मत दिखा मुझ को

किधर जाऊँ कहीं रस्ता नहीं है

कैसे कहें कि चार तरफ़ दायरा न था

जिस की हर बात में क़हक़हा जज़्ब था मैं न था दोस्तो

जब चौदहवीं का चाँद निकलता दिखाई दे

इतना अच्छा न अगर होता तो हम सा होता

हम से भली चाल चली चाँदनी

चाँद को रेशमी बादल से उलझता देखूँ

बिमल कृष्ण अश्क Love Poetry in Hindi - Read famous Love Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by बिमल कृष्ण अश्क. Largest collection of Love Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by बिमल कृष्ण अश्क. Share the बिमल कृष्ण अश्क Love Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.