Heart Broken Poetry of Bimal Krishn Ashk
नाम | बिमल कृष्ण अश्क |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Bimal Krishn Ashk |
जन्म की तारीख | 1924 |
मौत की तिथि | 1982 |
कविताएं
Ghazal 18
Nazam 5
Couplets 14
Love 16
Sad 12
Heart Broken 18
Bewafa 3
Hope 5
Friendship 4
Islamic 2
Social 1
बारिश 3
ख्वाब 4
पतझड़ का मौसम था लेकिन शाख़ पे तन्हा फूल खिला था
अब तक तो यही पता नहीं है
रोने वालों ने तिरे ग़म को सराहा ही नहीं
दायरा खींच के बैठा हूँ बड़ी मुद्दत से
अब यही दुख है हमीं में थी कमी उस में न थी
अब के बसंत आई तो आँखें उजड़ गईं
नज़्म
नाम उस का
एआद-ए-हिकायतें
उन की गोद में सर रख कर जब आँसू आँसू रोया था
तुझ जैसा इक आँचल चाहूँ अपने जैसा दामन ढूँडूँ
कैसे कहें कि चार तरफ़ दायरा न था
जो दिल में उस को बसाए वो और कुछ न करे
जिस्म में ख़्वाहिश न थी एहसास में काँटा न था
जिस की हर बात में क़हक़हा जज़्ब था मैं न था दोस्तो
इतना अच्छा न अगर होता तो हम सा होता
हम से भली चाल चली चाँदनी
चाँद को रेशमी बादल से उलझता देखूँ