Ghazals of Dagh Dehlvi (page 3)

Ghazals of Dagh Dehlvi (page 3)
नामदाग़ देहलवी
अंग्रेज़ी नामDagh Dehlvi
जन्म की तारीख1831
मौत की तिथि1905
जन्म स्थानDelhi

दिल मुब्तला-ए-लज़्ज़त-ए-आज़ार ही रहा

दिल को क्या हो गया ख़ुदा जाने

दिल गया तुम ने लिया हम क्या करें

दिल चुरा कर नज़र चुराई है

देख कर जौबन तिरा किस किस को हैरानी हुई

डरते हैं चश्म ओ ज़ुल्फ़ ओ निगाह ओ अदा से हम

बुतान-ए-माहवश उजड़ी हुई मंज़िल में रहते हैं

भवें तनती हैं ख़ंजर हाथ में है तन के बैठे हैं

भला हो पीर-ए-मुग़ाँ का इधर निगाह मिले

बाक़ी जहाँ में क़ैस न फ़रहाद रह गया

बात मेरी कभी सुनी ही नहीं

अजब अपना हाल होता जो विसाल-ए-यार होता

अच्छी सूरत पे ग़ज़ब टूट के आना दिल का

अभी हमारी मोहब्बत किसी को क्या मालूम

अब वो ये कह रहे हैं मिरी मान जाइए

आरज़ू है वफ़ा करे कोई

आप का ए'तिबार कौन करे

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