Khawab Poetry of Daniyal Tareer
नाम | दानियाल तरीर |
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अंग्रेज़ी नाम | Daniyal Tareer |
जन्म की तारीख | 1980 |
जन्म स्थान | Quetta |
कविताएं
Ghazal 24
Nazam 9
Couplets 8
Love 16
Sad 11
Heart Broken 19
Hope 5
Islamic 4
Sufi 1
Social 1
बारिश 1
ख्वाब 16
शेल्फ़ पे उल्टा कर के रख दो और बिसरा दो
ख़्वाब का क्या है रात के नक़्श-ओ-निगार बनाओ
ख़्वाब का क्या है रात के नक़्श-ओ-निगार बनाओ
ख़्वाब जज़ीरा बन सकते थे नहीं बने
मैं नफ़ी में
ये मो'जिज़ा भी दिखाती है सब्ज़ आग मुझे
साकित हो मगर सब को रवानी नज़र आए
रंग और नूर की तमसील से होगा कि नहीं
मिट्टी था और दूध में गूँधा गया मुझे
ख़्वाब-कारी वही कमख़्वाब वही है कि नहीं
ख़्वाब जज़ीरा बन सकते थे नहीं बने
गया कि सैल-ए-रवाँ का बहाव ऐसा था
एक बुझाओ एक जलाओ ख़्वाब का क्या है
चाँद छूने की तलबगार नहीं हो सकती
ब-तर्ज़-ए-ख़्वाब सजानी पड़ी है आख़िर-कार
अजब रंग-ए-तिलस्म-ओ-तर्ज़-ए-नौ है