Heart Broken Poetry of Ehteram Islam

Heart Broken Poetry of Ehteram Islam
नामएहतराम इस्लाम
अंग्रेज़ी नामEhteram Islam
जन्म की तारीख1949

याद था 'सुक़रात' का क़िस्सा सभी को 'एहतिराम'

उसी से मुझ को मिला इश्तियाक़ मंज़िल का

तौक़ीर अँधेरों की बढ़ा दी गई शायद

साथ रखिए काम आएगा बहुत नाम-ए-ख़ुदा

लड़खड़ा कर गिर पड़ी ऊँची इमारत दफ़अतन

तौक़ीर अँधेरों की बढ़ा दी गई शायद

तौक़ीर अँधेरों की बढ़ा दी गई शायद

सुर्ख़ मौसम की कहानी है पुरानी हो न हो

मुंतशिर हर शय क़रीने से सजा दी जाएगी

हादसों का सिलसिला मंज़र-ब-मंज़र जम गया

हादसों का सिलसिला मंज़र-ब-मंज़र जम गया

ग़ैज़ का सूरज था सर पर सच को सच कहता तो कौन

ग़ैज़ का सूरज था सर पर सच को सच कहता तो कौन

फ़ज़ा-ए-शाम ज़िया-ए-सहर उसी से मिली

फ़ज़ा-ए-शाम ज़िया-ए-सहर उसी से मिली

ढूँड साया न शजर आगे भी

ढूँड साया न शजर आगे भी

बज़्म-ए-तन्हाई में अक्स-ए-शो'ला-पैकर था कोई

एहतराम इस्लाम Heart Broken Poetry in Hindi - Read famous Heart Broken Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by एहतराम इस्लाम. Largest collection of Heart Broken Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by एहतराम इस्लाम. Share the एहतराम इस्लाम Heart Broken Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.