कुछ कम तो हुआ रंज-ए-फ़रावान-ए-तमन्ना
कुछ कम तो हुआ रंज-ए-फ़रावान-ए-तमन्ना
आग़ाज़-ए-जुनूँ गो नहीं पायान-ए-तमन्ना
फिर यास ने रक्खा है क़दम ख़ाना-ए-दिल में
यानी है अब अल्लाह निगहबान-ए-तमन्ना
गो चाक हुआ दिल मगर अरमान न निकले
बे-फ़ाएदा खोला दर-ए-ज़िन्दान-ए-तमन्ना
अफ़्साना मिरा ख़्वाब-ए-ज़ुलेख़ा-ए-मोहब्बत
जल्वा है तिरा यूसुफ़-ए-कनआन-ए-तमन्ना
जुज़ वादा-ए-बातिल नहीं बुनियाद कुछ उस की
दिल काँप उठा देख के ऐवान-ए-तमन्ना
इक जान है वो ख़ैर से वाराफ़्ता-ए-ग़म है
इक दिल है सो है सोख़्ता-सामान-ए-तमन्ना
'फ़ानी' का दम इक दिन तिरे क़दमों पे निकल जाए
दिल की ये तमन्ना है अब ऐ जान-ए-तमन्ना
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