Love Poetry of Farhat Kanpuri

Love Poetry of Farhat Kanpuri
नामफ़रहत कानपुरी
अंग्रेज़ी नामFarhat Kanpuri

दुनिया ने ख़ूब समझा दुनिया ने ख़ूब परखा

दौलत-ए-अहद-ए-जवानी हो गए

वो बहकी निगाहें क्या कहिए वो महकी जवानी क्या कहिए

वस्ल के लम्हे कहानी हो गए

तिरा जल्वा शाम-ओ-सहर देखते हैं

कुछ तो वुफ़ूर-ए-शौक़ में बाइ'स-ए-इम्तियाज़ हो

जो कुछ भी है नज़र में सो वहम-ए-नुमूद है

इक ख़लिश सी है मुझे तक़दीर से

आँखों में बसे हो तुम आँखों में अयाँ हो कर

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