Ghazal Poetry (page 458)

गुलशन में फूल खिलते ही सद-चाक हो गए

मुस्लिम अंसारी

अगर न ज़ोहरा-जबीनों को बे-वफ़ा कहिए

मुस्लिम अंसारी

आज बज़्म-ए-नाज़ में वो इंतिशार-ए-नग़्मा है

मुस्लिम अंसारी

सारी रात कहानी सुन के हम तो लब न खोलेंगे

मुश्ताक़ सिंह

क्या करूँ कुछ भी समझ आता नहीं

मुश्ताक़ सिंह

कभी नसीब की भूले से भी सहर न हुई

मुश्ताक़ सिंह

दिल-ए-शोरीदा बता तेरी ये आदत क्या है

मुश्ताक़ सिंह

ज़ख़्म थोड़ी सी ख़ुशी दे के चले जाते हैं

मुश्ताक़ शाद

लोगों से दूर सैकड़ों लोगों के साथ हूँ

मुश्ताक़ शाद

ये जो लम्बी रात है यारो

मुशताक़ सदफ़

रफ़्ता रफ़्ता डर जाएँगे

मुशताक़ सदफ़

महरूमियों का मुझ को जो आदी बना दिया

मुशताक़ सदफ़

कभी अनजाने में जब भी किसी का दिल दुखाता हूँ

मुशताक़ सदफ़

जुनूँ में ध्यान से आख़िर फिसल गई कोई शय

मुशताक़ सदफ़

जब अच्छे थे दिन रात कम याद आए

मुशताक़ सदफ़

हम अपनी मोहब्बत का तमाशा नहीं करते

मुशताक़ सदफ़

दर्द को दर्द कहो दर्द के क़ाबिल हो जाओ

मुशताक़ सदफ़

आइना ऐसा कभी देखा न था

मुशताक़ सदफ़

ज़िंदगी का निशान हैं हम लोग

मुश्ताक़ नक़वी

ज़बाँ पे ख़ुद-बख़ुद अर्ज़-ए-मोहब्बत आई जाती है

मुश्ताक़ नक़वी

ये उजाला हर इक शय को चमका गया

मुश्ताक़ नक़वी

ये क्या वसवसे हम-सफ़र हो गए हैं

मुश्ताक़ नक़वी

सिमटे तो ऐसे शम्स-ओ-क़मर में सिमट गए

मुश्ताक़ नक़वी

सिलसिला जब तिरी बातों का जवाँ होता है

मुश्ताक़ नक़वी

साज़ बने उन अश्कों से जो बहते हैं तन्हाई में

मुश्ताक़ नक़वी

रहे है आज कल कुछ इस तरह चर्ख़-ए-कुहन बिगड़ा

मुश्ताक़ नक़वी

मुद्दतों ये सोच कर तन्हाई में तड़पा किए

मुश्ताक़ नक़वी

माइल जो आज-कल निगह-ए-नीम-बाज़ है

मुश्ताक़ नक़वी

लम्बी थी उम्र मोहब्बत की बर्बाद हुए होते होते

मुश्ताक़ नक़वी

किसे बताएँ मोहब्बत में क्या किया मैं ने

मुश्ताक़ नक़वी

Ghazal poetry in Hindi - Read Best Ghazals, Sad Poetry by Famous Poets in Hindi with Sad Hindi Shayari, Love Poetry & Two Line Sher. Largest Collection of Ghazal in Hindi for Students and Youth. Free download best Ghazal, Sufi Poetry, Love Shayari written by great Poets in PDF.