Sad Poetry of Hameed Almas

Sad Poetry of Hameed Almas
नामहमीद अलमास
अंग्रेज़ी नामHameed Almas

तिश्ना-ए-अज़ली

न सताइश की तमन्ना

मुकाफ़ात

हवा की पुश्त पर

यूँ भी क्या था और अब क्या रह गया

याद माज़ी के चराग़ों को बुझाया न करो

उस के करम से है न तुम्हारी नज़र से है

सरहद-ए-गुल से निकल कर हम जुदा हो जाएँगे

रख दिया है मिरी दहलीज़ पे पत्थर किस ने

फिर किसी याद का दरवाज़ा खुला आहिस्ता

जितने अच्छे लोग हैं वो मुझ से वाबस्ता रहे

घर है तो दर भी होगा दीवार भी रहेगी

चुरा के मेरे ताक़ से किताब कोई ले गया

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