देशभक्तिपूर्ण Poetry (page 14)
आए हम 'ग़ालिब'-ओ-'इक़बाल' के नग़्मात के बा'द
अली सरदार जाफ़री
यानी ला-यानी
अली मोहम्मद फ़र्शी
होली
अली जव्वाद ज़ैदी
ज़र्द फूलों में बसा ख़्वाब में रहने वाला
अली अकबर नातिक़
तिरे चाँद जैसे रुख़ पर ये निशान-ए-दर्द क्यूँ हैं
अलीम उस्मानी
उर्दू
आलम मुज़फ्फ़र नगरी
सब्ज़ा-ए-बेगाना
अख़्तर-उल-ईमान
कल की बात
अख़्तर-उल-ईमान
डासना स्टेशन का मुसाफ़िर
अख़्तर-उल-ईमान
फिर वही शब के सराबों का चलन!
अख़्तर ज़ियाई
मिला जो कोई यहाँ रम्ज़-आशना न मुझे
अख़्तर ज़ियाई
ओ देस से आने वाले बता
अख़्तर शीरानी
नज़्र-ए-वतन
अख़्तर शीरानी
मिरी आँखों से ज़ाहिर ख़ूँ-फ़िशानी अब भी होती है
अख़्तर शीरानी
मैं आरज़ू-ए-जाँ लिखूँ या जान-ए-आरज़ू!
अख़्तर शीरानी
हमारे हाथ में कब साग़र-ए-शराब नहीं
अख़्तर शीरानी
आरज़ू वस्ल की रखती है परेशाँ क्या क्या
अख़्तर शीरानी
आओ बे-पर्दा तुम्हें जल्वा-ए-पिन्हाँ की क़सम
अख़्तर शीरानी
चर्ख़ भी छू लें तो जाना है इसी मिट्टी में
अख़लाक़ बन्दवी
क़ौम के ग़म में डिनर खाते हैं हुक्काम के साथ
अकबर इलाहाबादी
बूट दासन ने बनाया मैं ने इक मज़मून लिखा
अकबर इलाहाबादी
अगर मज़हब ख़लल-अंदाज़ है मुल्की मक़ासिद में
अकबर इलाहाबादी
नई तहज़ीब
अकबर इलाहाबादी
मिस सीमीं बदन
अकबर इलाहाबादी
मदरसा अलीगढ़
अकबर इलाहाबादी
दरबार1911
अकबर इलाहाबादी
बर्क़-ए-कलीसा
अकबर इलाहाबादी
नई तहज़ीब से साक़ी ने ऐसी गर्म-जोशी की
अकबर इलाहाबादी
लुत्फ़ चाहो इक बुत-ए-नौ-ख़ेज़ को राज़ी करो
अकबर इलाहाबादी
ख़ुशी है सब को कि ऑपरेशन में ख़ूब निश्तर ये चल रहा है
अकबर इलाहाबादी