Love Poetry of Iqbal Kausar

Love Poetry of Iqbal Kausar
नामइक़बाल कौसर
अंग्रेज़ी नामIqbal Kausar

ज़ियान-ए-दिल ही इस बाज़ार में सूद-ए-मोहब्बत है

तिरी पहली दीद के साथ ही वो फ़ुसूँ भी था

रवाँ हूँ मैं

मुज़ाहिमतों के अहद-निगार

सुपुर्द-ए-ग़म-ज़दगान-ए-सफ़-ए-वफ़ा हुआ मैं

करें हिजरत तो ख़ाक-ए-शहर भी जुज़-दान में रख लें

काहिश-ए-ग़म ने जिगर ख़ून किया अंदर से

कभी आइने सा भी सोचना मुझे आ गया

जो ज़ख़्म जम्अ किए आँख-भर सुनाता हूँ

जिस तरह लोग ख़सारे में बहुत सोचते हैं

अभी मिरा आफ़्ताब उफ़ुक़ की हुदूद से आश्ना नहीं है

इक़बाल कौसर Love Poetry in Hindi - Read famous Love Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by इक़बाल कौसर . Largest collection of Love Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by इक़बाल कौसर . Share the इक़बाल कौसर Love Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.