Coupletss of Iqbal Kausar

Coupletss of Iqbal Kausar
नामइक़बाल कौसर
अंग्रेज़ी नामIqbal Kausar

ज़ियान-ए-दिल ही इस बाज़ार में सूद-ए-मोहब्बत है

वो भी रो रो के बुझा डाला है अब आँखों ने

तिरी पहली दीद के साथ ही वो फ़ुसूँ भी था

तिरे जुज़्व जुज़्व ख़याल को रग-ए-जाँ में पूरा उतार कर

पर ले के किधर जाएँ कुछ दूर तक उड़ आएँ

मिरी ख़ाक उस ने बिखेर दी सर-ए-रह ग़ुबार बना दिया

जिस तरह लोग ख़सारे में बहुत सोचते हैं

ध्यान आया मुझे रात की तन्हा-सफ़री का

बनना था तो बनता न फ़रिश्ता न ख़ुदा मैं

अब बाँझ ज़मीनों से उम्मीद भी क्या रखना

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