Khawab Poetry of Khwaja Meer Dard

Khawab Poetry of Khwaja Meer Dard
नामख़्वाजा मीर 'दर्द'
अंग्रेज़ी नामKhwaja Meer Dard
जन्म की तारीख1721
मौत की तिथि1785
जन्म स्थानDelhi

वाए नादानी कि वक़्त-ए-मर्ग ये साबित हुआ

सैर-ए-बहार-ए-बाग़ से हम को मुआ'फ़ कीजिए

मत जा तर-ओ-ताज़गी पे उस की

खुल नहीं सकती हैं अब आँखें मेरी

खुल नहीं सकती हैं अब आँखें मिरी

है ग़लत गर गुमान में कुछ है

मदरसा या दैर था या काबा या बुत-ख़ाना था

मदरसा या दैर था या काबा या बुत-ख़ाना था

दिल मिरा फिर दुखा दिया किन ने

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