Hope Poetry of Khwaja Meer Dard

Hope Poetry of Khwaja Meer Dard
नामख़्वाजा मीर 'दर्द'
अंग्रेज़ी नामKhwaja Meer Dard
जन्म की तारीख1721
मौत की तिथि1785
जन्म स्थानDelhi

तमन्ना तिरी है अगर है तमन्ना

सैर-ए-बहार-ए-बाग़ से हम को मुआ'फ़ कीजिए

ने गुल को है सबात न हम को है ए'तिबार

काश उस के रू-ब-रू न करें मुझ को हश्र में

हर-चंद तुझे सब्र नहीं दर्द व-लेकिन

'दर्द' के मिलने से ऐ यार बुरा क्यूँ माना

क़त्ल-ए-आशिक़ किसी माशूक़ से कुछ दूर न था

मिरा जी है जब तक तिरी जुस्तुजू है

हम तुझ से किस हवस की फ़लक जुस्तुजू करें

चमन में सुब्ह ये कहती थी हो कर चश्म-ए-तर शबनम

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