Social Poetry of Mirza Ghalib
नाम | ग़ालिब |
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अंग्रेज़ी नाम | Mirza Ghalib |
जन्म की तारीख | 1797 |
मौत की तिथि | 1869 |
जन्म स्थान | Delhi |
कविताएं
Ghazal 234
Couplets 357
Rubaai 34
Marsiya 1
Qasiida 10
Sehra 3
Qita 28
Salaam 1
Masnavii 3
Mukhammas 1
Love 233
Sad 211
Heart Broken 228
Bewafa 46
Hope 153
Friendship 91
Islamic 53
Sufi 20
Social 8
देशभक्तिपूर्ण 8
बारिश 3
ख्वाब 82
Sharab 87
ढाँपा कफ़न ने दाग़-ए-उयूब-ए-बरहनगी
बुलबुल के कारोबार पे हैं ख़ंदा-हा-ए-गुल
यक-ज़र्रा-ए-ज़मीं नहीं बे-कार बाग़ का
वो फ़िराक़ और वो विसाल कहाँ
मिरी हस्ती फ़ज़ा-ए-हैरत आबाद-ए-तमन्ना है
जुज़ क़ैस और कोई न आया ब-रू-ए-कार
है किस क़दर हलाक-ए-फ़रेब-ए-वफ़ा-ए-गुल
गर ख़ामुशी से फ़ाएदा इख़्फ़ा-ए-हाल है