ने जाए वाँ बने है ने बिन जाए चैन है
क्या कीजिए हमें तो है मुश्किल सभी तरह
Parveen Shakir
Allama Iqbal
Mir Taqi Mir
Javed Akhtar
Ahmad Faraz
Anwar Masood
Mohsin Naqvi
Habib Jalib
Gulzar
Rahat Indori
Jaun Eliya
Wasi Shah
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चारा-ए-दिल सिवाए सब्र नहीं
दिल क़ाबिल-ए-मोहब्बत-ए-जानाँ नहीं रहा
ठानी थी दिल में अब न मिलेंगे किसी से हम
है दिल में ग़ुबार उस के घर अपना न करेंगे
चल दिए सू-ए-हरम कू-ए-बुताँ से 'मोमिन'
दिल-बस्तगी सी है किसी ज़ुल्फ़-ए-दोता के साथ
उस नक़्श-ए-पा के सज्दे ने क्या क्या किया ज़लील
जलता हूँ हिज्र-ए-शाहिद ओ याद-ए-शराब में
कुछ क़फ़स में इन दिनों लगता है जी
जो तेरे मुँह से न हो शर्मसार आईना
तुम मिरे पास होते हो गोया
शब तुम जो बज़्म-ए-ग़ैर में आँखें चुरा गए