मैं ख़्वाब अपने सारे नीलाम कर रहा हूँ
मैं ख़्वाब अपने सारे नीलाम कर रहा हूँ
और ये भी जान लो कि बे-दाम कर रहा हूँ
इस से ग़रज़ नहीं है बोली लगेगी कैसे
जो काम करना है बस वो काम कर रहा हूँ
वो सब कहानियाँ जो पूरी नहीं हुई थीं
तहरीर आज उन का अंजाम कर रहा हूँ
थक-हार सा गया था मैं राह चलते चलते
साया जो मिल गया है आराम कर रहा हूँ
सैर-ए-जहाँ की फ़ुर्सत मिलती कहाँ है मुझ को
अब क्या बताऊँ तुम को क्या काम कर रहा हूँ
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