तदबीर का खोटा है मुक़द्दर से लड़ा है
दुनिया उसे कहती है कि चालाक बड़ा है
ख़ुद तीस का है और दुल्हन साठ बरस की
गिरती हुई दीवार के साए में खड़ा है
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ऐ ग़म-ए-दिल क्या करूँ ऐ वहशत-ए-दिल क्या करूँ
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मुल्ला-जी की बीवी का जवाब