मिरे ज़ौक़-ए-अदब को देर में आराम आएगा
कहीं पिछले पहर तक शाएरा का नाम आएगा
अभी तो सिलसिला है शायरों की बे-नवाई का
सुराही आएगी ख़ुम आएगा तब जाम आएगा
Wasi Shah
Faiz Ahmad Faiz
Rahat Indori
Mohsin Naqvi
Javed Akhtar
Anwar Masood
Ahmad Faraz
Mir Taqi Mir
Jaun Eliya
Gulzar
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डाकुओं की कांफ्रेंस
ऐ ग़म-ए-दिल क्या करूँ ऐ वहशत-ए-दिल क्या करूँ
चालाक
गले-बाज़ शायर
मुल्ला-जी की बीवी का जवाब
इस मर्तबा भी आए हैं नंबर तिरे तो कम
अनोखे कारनामे
क़ुर्बानी
अन-जाना डर
बद-दुआ
शिकारी
नौकर