इस तरह आँखों को नम दिल पर असर करते हुए

इस तरह आँखों को नम दिल पर असर करते हुए

जा रहा है कौन नेज़ों पर सफ़र करते हुए

ज़िंदगी फ़ाक़ों के साए में बसर करते हुए

जी रहा हूँ ख़ून-ए-दिल ख़ून-ए-जिगर करते हुए

लिख रहा हूँ नाम बच्चों के ग़मों की जाइदाद

उन की सुब्ह-ए-ज़िंदगी को दोपहर करते हुए

इतने वहशत-नाक मंज़र पुतलियों में बस गए

ख़्वाब भी डरने लगे आँखों में घर करते हुए

सीना-ए-मौज-ए-रवाँ को आबलों से भर दिया

प्यास की शिद्दत ने पानी पर असर करते हुए

वक़्त की रफ़्तार से भी तेज़ चलना है मुझे

जा रहा हूँ अब हवा को हम-सफ़र करते हुए

जाने कितनी ठोकरें खाईं हैं मैं ने ऐ 'रज़ा'

ए'तिदाल-ए-ज़िंदगी को तेज़-तर करते हुए

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In Hindi By Famous Poet Raza Mauranvi. is written by Raza Mauranvi. Complete Poem in Hindi by Raza Mauranvi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.