जाने वाले हमारी महफ़िल से
चाँद तारों को साथ लेता जा
हम ख़िज़ाँ से निबाह कर लेंगे
तू बहारों को साथ लेता जा
Parveen Shakir
Anwar Masood
Habib Jalib
Allama Iqbal
Faiz Ahmad Faiz
Javed Akhtar
Wasi Shah
Rahat Indori
Gulzar
Jaun Eliya
Mir Taqi Mir
Ahmad Faraz
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(9695) Peoples Rate This
अब न आएँगे रूठने वाले
मता-ए-कौसर-ओ-ज़मज़म के पैमाने तिरी आँखें
जाम टकराओ! वक़्त नाज़ुक है
तुम गए रौनक़-ए-बहार गई
आज फिर बुझ गए जल जल के उमीदों के चराग़
है दुआ याद मगर हर्फ़-ए-दुआ याद नहीं
मैं ने जिन के लिए राहों में बिछाया था लहू
ख़ता-वार-ए-मुरव्वत हो न मरहून-ए-करम हो जा
ऐ अदम के मुसाफ़िरो होशियार
फिर उमड आए हैं यादों के सुहाने बादल
दुख-भरी दास्तान माज़ी की
चाँदनी को रसूल कहता हूँ