अदू-ए-बद-गुमाँ की दास्ताँ कुछ और कही है

अदू-ए-बद-गुमाँ की दास्ताँ कुछ और कहती है

मगर तेरी निगाह-ए-ख़ुश-बयाँ कुछ और कहती है

ख़िज़ाँ के दम से अपनी ख़ुश-दिली का है भरम वर्ना

बहार आते ही याद-ए-आशियाँ कुछ और कहती है

सुनो दिल से तो फिर हर नग़्मा-ए-इशरत के पर्दे में

अलम की दास्तान-ए-ख़ूँ-चकाँ कुछ और कहती है

नज़र उन की ज़बाँ उन की तअज्जुब है कि इस पर भी

नज़र कुछ और कहती है ज़बाँ कुछ और कहती है

हज़ार अंदाज़ से अहल-ए-हवस अब दाम फैलाएँ

नवा-ए-ताइर-ए-अर्श आशियाँ कुछ और कहती है

तिरे लुत्फ़-ओ-करम का मो'तरिफ़ है इक जहाँ लेकिन

किसी मजबूर-ए-ग़म की दास्ताँ कुछ और कहती है

ख़ुशा तेरी नज़र का इम्तियाज़-ए-जल्वत-ओ-ख़ल्वत

वहाँ कुछ और कहती थी यहाँ कुछ और कहती है

गुलिस्ताँ में बहार-ए-गुल-फ़शाँ आने से क्या हासिल

कि मुस्तक़बिल की तस्वीर-ए-ख़िज़ाँ कुछ और कहती है

वो मेरे हाल पर 'साहिर' कभी जो मुस्कुराते हैं

तो दिल से अपनी सई-ए-राएगाँ कुछ और कहती है

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In Hindi By Famous Poet Sahir Hoshiyarpuri. is written by Sahir Hoshiyarpuri. Complete Poem in Hindi by Sahir Hoshiyarpuri. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.