शोहरत बुख़ारी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का शोहरत बुख़ारी (page 2)
नाम | शोहरत बुख़ारी |
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अंग्रेज़ी नाम | Shohrat Bukhari |
जन्म की तारीख | 1925 |
मौत की तिथि | 2001 |
जन्म स्थान | Lahore |
दिल तलबगार-ए-तमाशा क्यूँ था
दिल सख़्त निढाल हो गया है
दिल ने किस मंज़िल-ए-बे-नाम में छोड़ा था मुझे
बुत बने राह तकोगे कब तक
बिना जाने किसी के हो गए हम
बे-नश्शा बहक रहा हूँ कब से
बज़्म संवारूँ ग़ज़लें गाऊँ
अपनों से मुरव्वत का तक़ाज़ा नहीं करते
ऐश-ए-दुनिया का जब शुमार न था
आओ कि अभी छाँव सितारों की घनी है
आ दिल में तुझे कहीं छुपा लूँ
आ दिल में तुझे कहीं छुपा लूँ