Ghazals of Siraj Aurangabadi (page 2)

Ghazals of Siraj Aurangabadi (page 2)
नामसिराज औरंगाबादी
अंग्रेज़ी नामSiraj Aurangabadi
जन्म की तारीख1714
मौत की तिथि1763
जन्म स्थानAurangabad

क़द तिरा सर्व-ए-रवाँ था मुझे मालूम न था

पुर-ख़ूँ है जिगर लाला-ए-सैराब की सौगंद

पीव के आने का वक़्त आया है

पी कर शराब-ए-शौक़ कूँ बेहोश हो बेहोश हो

नयन की पुतली में ऐ सिरीजन तिरा मुबारक मक़ाम दिस्ता

मुस्कुरा कर आशिक़ों पर मेहरबानी कीजिए

मुझ सीं ग़म दस्त-ओ-गरेबाँ न हुआ था सो हुआ

मुझ पर ऐ महरम-ए-जाँ पर्दा-ए-असरार कूँ खोल

मुझ दर्द सें यार आश्ना नईं

मेरे जिगर के दर्द का चारा कब आएगा

मिरा दिल नहीं है मेरे हात तुम बिन

मिरा दिल आ गया झट-पट झपट में

मान मत कर आशिक़-ए-बे-ताब का अरमान मान

मख़मूर चश्मों की तबरीद करने कूँ शबनम है सरदाब शोरों की मानिंद

मज्लिस-ए-ऐश गर्म हो या-रब

मैं न जाना था कि तू यूँ बे-वफ़ा हो जाएगा

माइल हूँ गुल-बदन का मुझे गुल सीं क्या ग़रज़

महरम-ए-दिल हुआ वो सहरा वा

क्यूँ तिरे गेसू कूँ गेसू बोलनाँ

क्या बला सेहर हैं सजन के नयन

क्या बला का है नशा इश्क़ के पैमाने में

किया ग़म ने सरायत बे-निहायत

ख़ूब बूझा हूँ मैं उस यार कूँ कुइ क्या जाने

ख़ाक हूँ ए'तिबार की सौगंद

ख़बर-ए-तहय्युर-ए-इश्क़ सुन न जुनूँ रहा न परी रही

कौन कहता है जफ़ा करते हो तुम

कल सीं बे-कल है मिरा जी यार कूँ देखा न था

कहाँ है गुल-बदन मोहन पियारा

काफ़िर हुआ हूँ रिश्ता-ए-ज़ुन्नार की क़सम

कभी तुम मोल लेने हम कूँ हँस हँस भाव करते हो

सिराज औरंगाबादी Ghazal in Hindi - Read famous सिराज औरंगाबादी Shayari, Ghazal, Nazams and SMS. Biggest collection of Love Poetry, Sad poetry, Sufi Poetry & Inspirational Poetry by famous Poet सिराज औरंगाबादी. Free Download Best Ghazal, Sufi Poetry, Two Lines Sher, Sad Poetry, written by Sufi Poet सिराज औरंगाबादी. सिराज औरंगाबादी Ghazals and Inspirational Nazams for Students.