दीद का इसरार मूसा लन-तरानी कोह-ए-तूर

दीद का इसरार मूसा लन-तरानी कोह-ए-तूर

हम ने आँखें बंद कीं और आ गए तेरे हुज़ूर

अब हिनाई दस्त की होंगी इजारा-दारियाँ

आँख में शबनम जबीं के नूर में रंग-ए-शुऊर

बात करना मौसम-ए-बरसात की पहली झड़ी

मुस्कुरा के देखना क़ौस-ए-क़ुज़ह का है ज़ुहूर

फूल बस्ती में चलें हम-जोलियों का साथ है

शहरों शहरों बढ़ गया है संग-ज़ादों का फ़ुतूर

पेश-ए-ख़िदमत है ये अपनी बात अपना इद्दआ

देखना हर्फ़-ए-सुख़न पर किस को हासिल है फ़ुतूर

(475) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

In Hindi By Famous Poet Sughra Alam. is written by Sughra Alam. Complete Poem in Hindi by Sughra Alam. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.