Ghazals of Waqar Manvi
नाम | वक़ार मानवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Waqar Manvi |
जन्म की तारीख | 1939 |
जन्म स्थान | Delhi |
सलीक़ा बोलने का हो तो बोलो
मिरे वजूद को पामाल करना चाहता है
ख़ुशी दामन-कशाँ है दिल असीर-ए-ग़म है बरसों से
जान नहीं पहचान नहीं है
गई है शाम अभी ज़ख़्म ज़ख़्म कर के मुझे
अगर रोना ही अब मेरा मुक़द्दर है मोहब्बत में