वासिफ़ देहलवी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का वासिफ़ देहलवी (page 2)
नाम | वासिफ़ देहलवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Wasif Dehlvi |
जन्म की तारीख | 1910 |
जन्म स्थान | Delhi |
खुलने ही लगे उन पर असरार-ए-शबाब आख़िर
कहते हैं सर-ए-राह मुनासिब नहीं मिलना
कभी दर्द-आश्ना तेरा भी क़ल्ब शादमाँ होगा
इज़्ज़त उन्हें मिली वही आख़िर बड़े रहे
हरीम-ए-नाज़ को हम ग़ैर की महफ़िल नहीं कहते
हम-सफ़र थम तो सही दिल को सँभालूँ तो चलूँ
बुझते हुए चराग़ फ़रोज़ाँ करेंगे हम
बयाँ ऐ हम-नशीं ग़म की हिकायत और हो जाती
अगर ख़ू-ए-तहम्मुल हो तो कोई ग़म नहीं होता