इज़हार मोहब्बत के लिए लाज़मी नहीं
कि फूल ख़रीदे जाएँ
किसी होटल में कमरा लिया जाए
या परिंदे आज़ाद किए जाएँ
इज़हार-ए-मोहब्बत के लिए तुम अपने बोसे
काग़ज़ में लपेट कर भेज सकती हो
जिस तरह मैं ने अपने जज़्बे
तुम्हें पोस्ट कर दिए हैं
Rahat Indori
Habib Jalib
Jaun Eliya
Gulzar
Mohsin Naqvi
Allama Iqbal
Mir Taqi Mir
Ahmad Faraz
Faiz Ahmad Faiz
Parveen Shakir
Anwar Masood
Javed Akhtar
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हम इज़ाफ़ी मिट्टी से बने
मेरा ग़ुस्सा कहाँ है?
इज़हार का मतरूक रास्ता
चोर दरवाज़ा खुला रहता है
वक़्त के नाम एक ख़त
ज़ख़्मी ख़्वाबों की तीसरी दुनिया
हर्माफ्रोडाइट
थूका हुआ आदमी
मेरा कोई दोस्त नहीं
काएनाती गर्द में बरसात की एक शाम
नीम-लिबासी का नौहा
मैं अच्छा फ़नकार नहीं