Ghazals of Zaki Tariq
नाम | ज़की तारिक़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Zaki Tariq |
जन्म की तारीख | 1952 |
जन्म स्थान | Ghaziabad |
तिरे बग़ैर कटे दिन न शब गुज़रती है
सिमटे हुए जज़्बों को बिखरने नहीं देता
नूर ये किस का बसा है मुझ में
मेरे ख़्वाबों का कभी जब आसमाँ रौशन हुआ
कौन कहता है गुम हुआ परतव
इताब-ओ-क़हर का हर इक निशान बोलेगा
दरीदा-जैब गरेबाँ भी चाक चाहता है
भरे तो कैसे परिंदा भरे उड़ान कोई
बे-मकाँ मेरे ख़्वाब होने लगे